tag:blogger.com,1999:blog-69670982403393105252024-03-13T12:56:36.065-07:00meresapnemeregeetSAPNA MOURYAhttp://www.blogger.com/profile/03025683817502877467noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6967098240339310525.post-54362571395127421322009-12-07T04:42:00.001-08:002009-12-08T05:18:32.169-08:00कक्षाजब कक्षा में पहली बार गई मुझे लगा में जीवन हार गई,<br />ऐसा लगा आगे बढने का मौका मिला हे मुझे ,<br />पर कक्षा को देखकर दिल के दिए थे सब बुझे<br />मेने लिया था कॉमर्स चाह थी आगे बढने की,<br />पर कुछ दिनों में लगा अभी वक़्त हे सीडिया चड़ने की ,<br />मुझे लगा मेरा सपना साकार न हो पायेगा,<br />मेरे दिलो दिमाग से कॉमर्स का भूत उतर जाएगा,<br />इकोनोमिक्स के पिरीएड में होती थी में बोर,<br />दिल करता था उस समय खूब मचाऊ शोर,<br />वाणिज्य पढ़ते पढ़ते गुम हो जाती थी में,<br />ऐसा लगता था मन में ही गुनगुनाती थी में,<br />कक्षा में थे पुरे १४ छात्र छात्राए,<br />और सभी थे अच्छे,पर अकाउन्टिंग नही पढ़ती थी मत्थे,<br />पढ़ते पढ़ते इतने दिन बीत गए ,<br />सभी छात्र छात्राए ऐसी कक्षा में पढ़ना सिख गए,<br />पढ़ते पढ़ते कॉमर्स अच्छा लगने लगा,<br />अब मुझे मेरा सपना सच्चा लगने लगाSAPNA MOURYAhttp://www.blogger.com/profile/03025683817502877467noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-6967098240339310525.post-21994778861865618002009-12-07T04:23:00.000-08:002009-12-07T04:34:25.187-08:00फूलजो उपर से अच्छे दीखते हे उनके मन में होती हे खोट,<br />इन फूलो ने मुझको पहुचाई हे चोट,<br />फूलो का मुस्कुराना मुझे कभी था भाता,<br />अब हर काँटों के अन्दर मुझे फुल सा चेहरा ही नज़र आता,<br />फूल सा चेहरा सामने आता हे क्यो,<br />मेरे दिल से पूछो ये घबरा जाता हे क्यो,<br />फूलो के पास होने से घबराती हु में ,<br />अब इसकी खुशबु से कतराती हु में,<br />काँटों से प्यार और फूलो से नफरत हे मुझे,<br />दुसरो से स्नेह और अपनों से शिकायत हे मुझे.....SAPNA MOURYAhttp://www.blogger.com/profile/03025683817502877467noreply@blogger.com1